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Wednesday, 9 September 2015

सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिये सामयिक सलाह

सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिये सामयिक सलाह

खण्डवा 4 सितम्बर, 2015 - भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सोयाबीन अनुसंधान निर्देशालय इन्दौर द्वारा सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए जारी सामयिक सलाह एवं अनुशंसाओं से जिले के किसानों को अवगत कराने के निर्देश कृषि अधिकारियों को दिये गये हैं।  सोयाबीन किसानों को इस सप्ताह के लिए जारी सलाह में कहा गया है कि वर्षा वाले क्षेत्रों में पत्ती खाने वाली इल्लियों के प्रकोप की संभावना है। पत्ती खाने वाले कीडो के प्रबंधन के लिये रायनेक्सीपायार 100 मि0ली0 प्रति हेक्टेयर अथवा क्वीनालफॉस 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर अथवा इन्डोक्साकार्व 500 एम0एल0 प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें। फसल में कीट भक्षी पक्षियों के बैठने के लिए बर्ड पर्च एवं फिरोमेन ट्रेप लगायें। 
     किसानों को सलाह दी गयी है कि सफेद मक्खी द्वारा फैलाये जाने वाला पीला मोजाइक रोग दिखने पर रोग ग्रसित पौधों को बाहर निकालकर जमीन में गाडें। सफेद मक्खियों की रोकथाम के लिए इमीडाक्लोप्रिंड 17.8 एमएल का 600 मिली प्रति हैक्टेयर की दर से छिडकाव करें। सोयाबीन की फसल जहां फलियो मे दाना भरने की स्थिति हो और सूखे की अवस्था हो वहां सिंचाई अवश्य करे। सोयाबीन की जल्दी पकने वाली प्रजातियो को समय पर काटने की ब्यवस्था करे। सोयाबीन उत्पाद को यदि बीज के रूप मे उपयोग लेना है तो गहाई के लिये थ्रेसर में ड्रम स्पीड 350-400 आर0पी0एम0 होनी चाहिये। सोयाबीन फसल में यदि चक्रभृंग का प्रकोप हो तो फसल पर प्राईजोफास 800 एम0एल0 प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी मे मिलाकर छिडकाव किया जाये।

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