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Friday, 11 September 2015

मच्छर जनित रोगों से बचने की सलाह

मच्छर जनित रोगों से बचने की सलाह

खण्डवा 11 सितम्बर, 2015 -  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने नागरिकों से अपील की है कि मौसम परिवर्तन के कारण मच्छरों की उत्पत्ती में वृद्धि हो रही है। जिससे मच्छर जनित रोग बढने लगते हैं जैसे डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया एवं फाइलेरिया इन सभी के बचाव के लिए अपने आसपास अनुपयोगी पानी जमा न होने दें। उन्होंने बताया कि डेंगू एक संक्रमित मादा एडीज नामक मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलने वाला एक रोग है। यह सामान्यता डेंगू बुखार के रूप में उत्पन्न होता है। तेज सिरदर्द व बुखार, मासपेशियों तथा जोडों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जी मचलाना व उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूडों से खून आना तथा कभी कभी हाथ, चेहरे व पेट पर चकत्ते डेंगू बुखार के लक्षण होते हैं। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मलेरिया बुखार के लक्षण सर्दी एवं कम्पन के साथ बुखार आना उल्टी व सिर दर्द होना पसीना आकर बुखार का उतरना, बुखार उतरने के बाद थकान व कमजोरी महसूस होना। इस तरह के लक्षणों युक्त कोई भी बुखार आता है तो तुरन्त निकट के स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला चिकित्सालय में जाकर रक्त की जांच कराए एवं आवश्यक उपचार कराएं। मच्छर घरों की छत पर रखी पानी की खुली टंकियां, टूटे वर्तन, मटके, कुल्हड, गमलों में एकत्र जल में, बेकार फेंके हुए टायरों के एकत्र जल में, बिना ढंके वर्तनों में एकत्र जल में, किचन गार्डन में रूका हुआ पानी तथा गमले, फूलदान, सजावट के लिए बने फव्वों में एकत्र जल में पैदा होते हैं। पानी भरे रहने वाले स्थानों पर मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन का तेल डालें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा य वेक्सीन न हो तो बुखार उतारने के लिए पेरासिटामॉल गोली ले सकते हैं। अन्य दवा के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

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