ई-पंजीयन परियोजना का हुआ शुभारंभ
अब एक क्लिक पर मिलेगी संपत्ति पंजीयन की जानकारी
खण्डवा 1 जुलाई,2015 - राज्य शासन द्वारा ई-पंजीयन एवं ई-स्टॉपिंग सम्पदा परियोजना प्रारंभ की गई है इसके तहत अब खण्डवा जिले में भी सम्पत्तियों का ऑनलाईन पंजीयन आज से प्रारंभ हो गया है। आज कलेक्ट्रेट परिसर स्थित जिला पंजीयक कार्यालय में क्षेत्रीय विधायक श्री देवेन्द्र वर्मा ने मॉ सरस्वती के चित्र पर मल्यार्पण कर व दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. एम.के.अग्रवाल व जिला बार एसोषिएषन के अध्यक्ष भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर विधायक श्री वर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि अब तक पंजीयन विभाग में कागजी काम होते थे, लेकिन विभाग ने खुद को हाईटेक किया है। जिसके चलते अब कोई व्यक्ति देश के किसी भी कोने से एक क्लिक से पंजीयन करा सकेगा। नई प्रक्रिया में कोई व्यक्ति स्वयं या सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से ऑनलाइन संपत्ति का विवरण भरेगा। उन्होंने कहा कि अब कोई भी व्यक्ति गाइड लाइन के अनुसार अपनी संपत्ति का मूल्य पता कर सकेगा तथा किस-किस तरह का कितना शुल्क लग रहा है, उसकी गणना भी कर सकेगे।
कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि ई-पंजीयन व्यवस्था लागू हो जाने से भूमि की खरीदी व बिक्री में होने वाले फर्जीवाडे पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। साथ ही इसे अनलॉक करके क्रेता संपत्ति को बेच सकेगे। अगर किसी संपत्ति पर स्टे या बैंक का लोन होगा, तो उसकी जानकारी खरीददार को मिल जाएगी ताकि उपभोक्ता के साथ धोखा न हो। उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी फीचर्स के चलते कोई भी व्यक्ति कागजातों का दुरूपयोग नहीं कर पाएगा।
जिला पंजीयक श्री अमरेष नायडू ने इस अवसर पर ई-पंजीयन की विषेषताओं के बारे में विस्तार से बताया तथा उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों को ई-पंजीयन करने की पूरी प्रक्रिया कम्प्यूटर के माध्यम से समझाई। उन्होंने बताया कि भूमि की खरीदी या बिक्री कराने वाला उपभोक्ता अब सर्विस प्रोवाईडर के माध्यम से संपति का मूल्यांकन करते हुए स्टाम्प शुल्क जमा करेगा। यह राशि बैंक या सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से जमा हो सकेगी। विभाग के उप पंजीयक द्वारा संबंधित व्यक्ति के सभी दस्तावेज फोटो एवं आईडी प्रुफ की जांच करते हुए क्रेता, विक्रेता व गवाह के डिजिटल सिग्नेचर व फोटो लिये जायेगे। विलेख के मिलते ही एवं शुल्क जमा होने की ऑनलाइन पृष्टि होते ही संबंधित पंजीयन हितग्राही को एक पिन नम्बर दिया जायेगा। और रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
ऑनलाइन प्रक्रिया के दौरान क्रेता को एक पिन नंबर मिलेगा। जिसके लॉक होने के बाद संपत्ति का ट्रांसफर रूक जाएगा।
जिला पंजीयक श्री अमरेष नायडू ने इस अवसर पर बताया कि इस ऑनलाइन प्रक्रिया में सबसे बडा फायदा सिक्योरिटी फीचर है। इसके तहत वाटरमार्क, स्टेट लोगो और माइक्रो प्रिंट है। विभाग ने ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है। जिससे जैसे ही फोटो कापी होगी, तीनों स्थानों पर फोटोकॉपी लिखा आ जाएगा। वहीं पिन सम्पत्ति इंडेक्स नंबर के मिलने पर क्रेता इसे लॉक कर देगा। जिससे संपत्ति का ट्रांसफर रूक जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति की गणना गाइडलाइन के अनुसार कर सकेंगे। पिन के लॉक होने से जमीनों के फर्जीवाडे पर रोक लगेगी। अब कोई व्यक्ति संपत्ति खरीदने से पहले पूरी जानकारी देख सकेगा। पंजीयन शुल्क व स्टॉप शुल्क बैकांे से ऑनलॉइन जमा कर सकेगे। सिक्योरिटी फीचर के चलते दुरूपयोग नहीं होगा।
क्रमांक/01/726/2015/षर्मा
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