Wednesday, 10 December 2014

पहले 9 किलोमीटर - अब 2 किलोमीटर ग्रामीण आवागमन को सुगम बनाती मनरेगा योजना

पहले 9 किलोमीटर - अब 2 किलोमीटर
ग्रामीण आवागमन को सुगम बनाती मनरेगा योजना



खण्डवा (10दिसम्बर,2014) - अच्छी सड़के उन्नति की पहचान होती है। यह स्वतः परिभाषित है कि जहां उन्नत मार्ग होंगे, प्रगति भी वहीं अपना रास्ता बनायेगी। ग्रामों में सड़को के माध्यम से आवागमन को सुगम बनाने में मनरेगा योजना की उपयोजनाओं खेत सड़क एवं सुदूर सड़क सम्पर्क योजनाओं कि जिले में उल्लेखनीय भूमिका निभा रही है। जिसके कई परिणाम और उदाहरण हमारे सामने है। उनमें से वर्तमान के उदाहरण के रूप में विकासखण्ड हरसूद की ग्राम पंचायत उंडेल में खेत सड़क सम्पर्क उपयोजना के अंतर्गत निर्मित मार्ग है। जिसने जहॉं पहले 9 किलोमीटर की दूरी को 2 किलोमीटर में समेट दिया है। वही ग्राम पंचायत उंडेल के ग्रामीणों को प्रगति की कई सौगाते दी है।
  इतना ही नही उंड़ेल पंचायत में मनरेगा योजना के अंतर्गत बने खेत सडक मार्ग से उंडे़ल के अतिरिक्त सेलदा एवं मांडला पंचायतों के रहवासियों को भी लाभ हुआ है। पहले इन ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को सुरगांव बंजारी रेल्वे स्टेषन जाने के लिये 9 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ती थी जो कि इस मार्ग के बन जाने के बाद 2 किलोमीटर में ही तय हो जाती है। वही छनेरा और आस-पास के अन्य ग्रामीण भी सुरगांव जोषी अब सीधे इसी मार्ग से होकर आते है। 1600 मीटर लंबी इस खेत सड़क पर लगभग 50 किसानों के खेत भी हैं। जिनके लिए इस मार्ग ने विकास समृद्धि का एक नया द्वार खोला है। यह किसान इससे सीधे रूप से लाभान्वित हुये है। पूर्व में इन किसानों को उनकी फसल खेत से मुख्य मार्ग तक लाने के लिये अस्थायी सड़क का निर्माण करना पड़ता था। परंतु अब इनका मार्ग अत्यंत सुगम हो गया। ग्रामीण बताते हैं कि उन्हे उम्मीद भी नही थी की कभी उनका आवागमन इतना सुगम हो जाएगा। परंतु मनरेगा योजना से न केवल आवागमन सुगम हुआ है बल्कि 9 किलोमीटर की दूरी भी 2 किलोमीटर की दूरी में सिमट कर रह गयी है।

उपयोजना के अंतर्गत यह मार्ग सेलदा के प्रधानमंत्री सडक से सुरगांवजोषी रेल्वे स्टेषन तक बनाया गया है। खेत सड़क उपयोजना के अंतर्गत इस मार्ग को तीन भागों में बनाया गया है। जिसकी कुल लंबाई 1600 मीटर है। इतना ही नही इस मार्ग को बनाने में मनरेगा के प्रावधान अंतर्गत 11,137 मानव दिवस भी श्रजित हुए। जिससे ग्रामीणों को रोजगार भी मिला।
 क्रमांक/38/2014/1873/वर्मा

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