Tuesday, 2 September 2014

जिला कलेक्टर के सख्त निर्देश के बाद काम में लगा महिला एवं बाल विकास विभाग का अमला

जिला कलेक्टर के सख्त निर्देश के बाद काम में लगा महिला एवं बाल विकास विभाग का अमला
एनआरसी में पहली बार क्षमता से अधिक बच्चे भर्ती 




खण्डवा (02 सितम्बर,2014) - जिले में लंबे समय व्याप्त कुपोषण के खिलाफ राज्य शासन की मंशानुसार कलेक्टर श्री महेश अग्रवाल ने न केवल कसावट लाने का काम शुरू कर दिया है। बल्कि उनकी दृढ़ संकल्प शक्ति एवं सक्रियता से सकारात्मक नतीजे भी सामने आने लगे है। जिले में पहली बार सभी एनआरसी में अतिकम वजन के बच्चे चिन्हित कर भर्ती करने का काम जोरशोर से चलाया जा रहा है। महिला बाल विकास विभाग के अमले ने कलेक्टर की फटकार के बाद अपनी कार्यशैली में परिवर्तन करते हुए विभागीय योजना को परिणाम मुलक अंजाम तक पहुॅंचाने के लिए अपनी ताकत झोखी है। परिणाम स्वरूप जिले के 9 एनआरसी जिनकी क्षमता 130 बेड की है वहॉं आज की स्थिति में 153 बच्चे दाखिल है। 
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुहास सोलंकी ने बताया कि - इन केन्द्रों में पंधाना में जहॉं 10 की क्षमता वहॉं 15 , सिंगोट में 10 की क्षमता वहॉं 13 , खालवा में 40 की क्षमता वहॉं 140, रोशनी में 10 की क्षमता वहॉं 14, खण्डवा में 20 की क्षमता वहॉं 36 , मंूदी में 10 की क्षमता वहॉं 12 , और छैगॉव माखन में 10 की क्षमता वहॉं 10 , वही बलडी में 10 की क्षमता वहॉं 12 इसी तरह हरसूद में 10 की क्षमता वहॉं 13 बच्चें भर्ती किए गए। इन बच्चों को उचित पोषण आहार देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। 
उल्लेखनीय है कि 21 अगस्त को विभागीय समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्री महेश अग्रवाल ने एनआरसी की कमजोर स्थिति को देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा था की 1 सितम्बर तक अति कम वजन के बच्चों को चिन्हित कर तत्काल एनआरसी में भर्ती कराए। इस कार्य में कोताही बिल्कुल भी बर्दाश्त नही की जाएगी। लापरवाह और कामचोर अधिकारी, कर्मचारी गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। कलेक्टर श्री अग्रवाल के तीखे तेवर के बाद महिला बाल विकास विभाग में तेजी से हलचल शुरू हो गई और कलेक्टर के आदेश के परिपेक्ष्य में सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे है। 
क्रमांक/09/2014/1380/वर्मा

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