वेयर हाउसिंग लायसेन्स की प्रकिया का सरलीकरण
भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए लॉजिस्टिक नीति का क्रियान्वयन
खण्डवा (09 जून, 2014 ) - प्रदेश में अनाज के सुरक्षित भंडारण के लिए वेयर हाउसिंग लायसेन्स जारी करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। इसके लिए मध्यप्रदेश कृषि गोदाम नियम 1961 में संशोधन किया गया है। वेयर हाउस के नवीन लायसेन्स एवं नवीनीकरण की अवधि एक वर्ष के स्थान पर 5 वर्ष की गई है। लायसेन्स फीस का युक्तियुक्तकरण भी किया गया है। यह फीस 50 पैसे प्रति मीट्रिक टन निर्धारित की गई है।
प्रदेश को देश में भंडारण एवं लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से भंडारण एवं लॉजिस्टिक नीति 2012 का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके लिए भंडारण सुविधा बढ़ाने एवं अधो संरचना विकास के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है। भंडार गृह एवं सायलो की स्थापना के लिए 10 चिन्हित जिलों में न्यूनतम 50 एकड़ भूमि “वेयर हाउस जोन’’ के लिए आरक्षित कर विकसित की जा रही है। भंडारण एवं लॉजिस्टिक नीति के तहत मिलने वाले प्रस्ताव पर ट्राईफेक के माध्यम से “सिंगल विंडो क्लीयरेंस’’ के लाभ भी दिये जा रहे हैं। एक करोड़ रुपये से अधिक पूँजी निवेश के भंडारण के प्रोजेक्ट को अधो संरचना विकास लागत (भूमि के मूल्य को छोड़कर) के 15 प्रतिशत पूँजी अनुदान की पात्रता होगी जो 50 हजार मीट्रिक टन भंडारण क्षमता के लिए प्रति निवेशक, प्रति प्रोजेक्ट 2 करोड़ 25 लाख रुपये तक होगी। इस नीति में गुणवत्ता प्रमाणीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए निर्मित भंडारण सुविधाओं में आई.एस.ओरू9000 गुणवत्ता प्रमाणन मूल्य का 50 प्रतिशत अथवा एक लाख रुपये, इनमें से जो भी कम हो, उसकी प्रतिपूर्ति की जा रही है।
इस नीति का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा किया जा रहा है।
क्रमांक/41/2014/930/वर्मा
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