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Monday, 5 May 2014

बाल विवाह सामाजिक कुरीति रोकने में करंे सहयोग-कलेक्टर श्रीमती गुप्ता

बाल विवाह सामाजिक कुरीति रोकने में करंे सहयोग-कलेक्टर श्रीमती गुप्ता

खण्डवा (01 मई, 2014) - अक्षय तृतीया एवं अन्य अवसरों पर विभिन्न समाजों द्वारा बाल विवाह कराये जाने की कुप्रथा है। आगामी 02 मई को अक्षय तृतीया है। अक्षय तृतीया के दिन बड़ी संख्या विवाह संपन्न होने के कारण बाल विवाह की संभावना बनी रहती है। कलेक्टर श्रीमती शिल्पा गुप्ता ने जिले वासीयों से बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन को आवश्यक सहयोग प्रदान करने की अपील की है। 
    क्योंकि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है, जिसके कारण देश में हजारों बालक/बालिकाओं को समय के पूर्व ही पारिवारिक बंधनों में बांध कर माता पिता द्वारा उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जाता है। सरकार द्वारा इस कुरीति को समाज से पूर्णतः समाप्त करने के उद्देश्य से बाल विवाह निषेध अधिनियम लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत बाल विवाह करवाने वाले (वर-वधु दोनों पक्षों के) माता-पिता तथा विवाह में शामिल अन्य समस्त व्यक्तियों पर कानूनी कार्यवाही का प्रावधान रखा गया है।
इसलिए समस्त माता-पिताओं से अनुरोध किया जाता है कि आप अपने बच्चों का विवाह निर्धारित आयु के पूर्व (लड़की की 18 वर्ष एवं लड़के की 21 वर्ष) किसी भी दशा में न करें। साथ ही अन्य समस्त जनसाधारण से भी अनुरोध है, कि ऐसे किसी भी विवाह कार्यक्रम में ना तो शामिल हों, अन्यथा उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जावेगी।
बाल विवाह की कुरीति को मिटाने के उद्देश्य से नवीन प्रयास के इसी क्रम में एक विशेष अपील मुद्रकों (विवाह पत्रिका छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस आदि) से की जाती है कि वे विवाह के पूर्व वर एवं वधु दोनों की सही आयु की संतुष्टि हेतु उनके मूल जन्म प्रमाण-पत्र /अंकसूची/स्कूल की टी.सी. आदि की सत्यापित (।जजमेजमक) छायाप्रति दोनों पक्षों से प्राप्त कर अपने पास अनिवार्य रूप से संग्रहित रखें तथा उम्र सही न होने की दशा में मुद्रक संस्थाएं ऐसी पत्रिका छापने से इंकार करें। (यदि संभव हो तो वर-वधु की जन्म तिथि का पत्रिका में मुद्रण भी अपेक्षित है।) तथा ऐसे प्रकरणों की सूचना तत्काल महिला सशक्तिकरण कार्यालय खण्डवा में अथवा उनके दूरभाष क्रमांक 0733-2222140 पर देेवें। सूचनाकर्ता की जानकारी पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी।               
क्रमांक: 01/2014/749/वर्मा

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