Thursday, 2 January 2014

कृषि के लिये सरल व कारगर तरीके अपनाएँ फसलों को पाले की मार से बचाएँ


कृषि के लिये सरल व कारगर तरीके अपनाएँ
फसलों को पाले की मार से बचाएँ

खंडवा (02 जनवरी, 2014) - पिछले वर्ष जिले में पाले से तुवर फसल में काफी नुकसान हुआ था। इस वर्ष भी निमाड़ में तुवर एवं दलहनी फसलों का क्षेत्र बहुत है तथा तापमान में भी निरन्तर गिरावट आ रही है। जिससे फसलों में पाले की संभावना बनती है। पाले से फसलों की सुरक्षा के लिये उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ओ.पी.चैरे ने किसानों को समझाइस देते हुये बताया है कि वह -
पाला कब पडता है:- जब आसमान साफ हो। जब हवा (शीत लहर) चलना बन्द हो जावे। जब तापमान 6-7 डिग्री सेल्सियस से कम होने लगे।
उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग श्री चैने ने फसलों को पाले से बचाने हेतु सरल एवं सस्ते उपाय बताए है जो इस प्रकार है -
धुआं करंे:- श्री चैरे ने किसानों को बताया कि वे रात में 12 से 2 बजे के बीच खेत के उत्तरी पश्चिमी दिशा में कूड़ा कचरा जलाकर धुआं करें।
सिंचाई करें:- साथ ही शाम के समय हल्की सिंचाई करें। व्यापारिक गंधक के तेजाब के घोल का छिड़काव चना, गेहूॅं, सरसो, मटर, जीरा, धनिया आदि फसलों में किया जा सकता है। एक लीटर व्यापारिक गंधक के तेजाब को 1000 लीटर पानी में घोले। घोल बनाने के लिये प्लास्टिक की बाल्टी तथा टंकी में पानी भरकर उसमें सही मात्रा में तेजाब मिलाये एवं फसल    पर छिडकाव करे। एक बार छिडकाव का असर 12 से 15 दिन रहता है, आवश्यकता पडने पर दुबारा 15 दिन बाद ही छिडकाव करे करे। गंधक का तेजाब का उपयोग अत्यन्त सावधानी से किया जाना चाहिए। कृषि वैज्ञानिकों तथा कृषि अधिकारियों के मार्गदर्शन में छिड़काव करें।
डाइमिथाइल सल्फोआक्साइड:- श्री चैरे ने किसानों को 78 ग्राम डाइमिथाइल सल्फोआक्साइड को 1000 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने की भी सलाह दी है।
क्रमांक: 05/2014/05/वर्मा

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