Thursday, 2 January 2014

प्रदेश में मनरेगा कन्वर्जेंस से “मेरा खेत-मेरी माटी’’ उप-य¨जना 52 लाख से अधिक लघु एवं सीमांत किसान क¨ मिलेगा लाभ


प्रदेश में मनरेगा कन्वर्जेंस से “मेरा खेत-मेरी माटी’’ उप-य¨जना

52 लाख से अधिक लघु एवं सीमांत किसान क¨ मिलेगा लाभ


खंडवा (02 जनवरी, 2014) - मध्यप्रदेश में कृषि क¨ लाभ का व्यवसाय बनाने के उद्देश्य से किये जा रहे सघन प्रयास¨ं के अंतर्गत अब मनरेगा कन्वर्जेंस से “मेरा खेत-मेरी माटी’’ उप-य¨जना की शुरूआत की जा रही है। इस उप-य¨जना से 52 लाख से अधिक लघु एवं सीमांत कृषक, ज¨ महात्मा गाँधी नरेगा के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी में पात्रता रखते हैं, उनकी कृषि य¨ग्य तथा गैर-कृषि य¨ग्य भूमि पर हितग्राही मूलक कार्य किये जा सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह च©हान की मंशा के अनुरूप इस महती य¨जना से फसल¨ं की उत्पादकता तथा कुल उत्पादन में बढ़¨त्तरी के साथ-साथ कृषक¨ं की वार्षिक आमदनी में भी व्यापक इजाफा ह¨गा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुरू की जा रही इस अनूठी उप-य¨जना का क्रियान्वयन किसान-कल्याण तथा कृषि विकास एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा मनरेगा अभिसरण से किया जायेगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सहकारिता मंत्री श्री ग¨पाल भार्गव ने बताया कि “मेरा खेत-मेरी माटी’’ उप-य¨जना में ऐसे लघु-सीमांत कृषक, ज¨ मनरेगा जाॅब-कार्डधारी हैं, उनके मालिकाना हक की कृषि भूमि तथा उनके स्वयं के निवास की भूमि पर हितग्राहीमूलक कार्य मनरेगा कन्वर्जेंस से करवाये जा सकेंगे। मनरेगा मद से किये जाने वाले कायर्¨ं की क्रियान्वयन एजेंसी संबंधित ग्राम-पंचायत ह¨गी। कार्य सम्पादन ई-मस्टर र¨ल पद्धति से जाॅब-कार्डधारी श्रमिक¨ं द्वारा किया जायेगा। जाॅब-कार्डधारी कृषक परिवार अथवा परिवार के किसी सदस्य द्वारा स्वयं की भूमि में कार्य सम्पादन में स्वयं कार्य करना ह¨गा। इसकी मजदूरी उन्हें भी अन्य श्रमिक¨ं के समान प्राप्त ह¨गी।
इस उप-य¨जना में अनुसूचित-जाति, अनुसूचित-जनजाति, आदिम-जनजाति, अधिसूचित-जनजाति अ©र अन्य गरीबी रेखा वाले परिवार क¨ पात्रता ह¨गी। इसके साथ ही ऐसे परिवार, जिनकी मुखिया महिला है अथवा जिनके मुखिया निरूशक्त हैं या ज¨ परिवार भूमि सुधार के लाभार्थी हैं, उन्हें भी उप-य¨जना से लाभान्वित किया जा सकेगा। इसी तरह इंदिरा आवास य¨जना के हितग्राही, वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत हक प्रमाण-पत्र धारक लाभान्वित हितग्राही तथा ऐसे लघु अ©र सीमांत कृषक, ज¨ कृषि ऋण माफी एवं राहत य¨जना-2008 में यथा परिभाषित हैं, ऐसे परिवार भी इस उप-य¨जना का लाभ ले सकेंगे।
महात्मा गाँधी नरेगा के क्रियान्वयन संबंधी दिशा-निर्देश¨ं के अनुसार उपर¨क्त श्रेणी के परिवार के खेत-खलिहान में व्यक्तिगत कार्य विभिन्न शतर्¨ं के आधार पर ह¨ सकेंगे। इन शतर्¨ं के अनुसार ऐसे परिवार का जाॅब-कार्डधारी ह¨ना आवश्यक ह¨गा। लाभार्थी अपनी खेत-खलिहान की भूमि अथवा कृषक के निवास की भूमि पर शुरू की गई परिय¨जना पर कार्य कर सकेंगे। लाभार्थी की भूमि या कृषक के निवास की भूमि पर लिये जाने वाले कार्य संबंधित ग्राम-पंचायत के शेल्फ आॅफ प्र¨जेक्ट का अनिवार्य हिस्सा ह¨ंगे।
इस उप-य¨जना में कृषि य¨ग्य भूमि पर भूमि समतलीकरण तथा भूमि सुधार, मेढ़ बँधान, कपिलधारा उप-य¨जना में कुआँ निर्माण, फार्म प¨ंड निर्माण, नाला-बँधान या लघु स्टाॅप डेम, नर्सरी निर्माण, कृषि उद्यानिकी तथा कृषि वानिकी के कार्य किये जा सकेंगे। इसी तरह गैर-कृषि य¨ग्य भूमि पर नाॅडेप निर्माण, बाॅय¨गैस निर्माण, बर्मी कम्प¨स्ट, गाय-भैंस, बकरी, सुअर, मुर्गीपालन के लिये शेड निर्माण जैसे कार्य किये जा सकेंगे। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से संबद्ध स्व-सहायता समूह¨ं के लिये बाॅय¨ खाद एवं कृषि उत्पाद क¨ रखने के लिये छ¨टे ग¨दाम तथा स्व-सहायता समूह¨ं द्वारा संचालित आजीविका गतिविधिय¨ं के लिये सामुदायिक शेड का निर्माण करवाया जा सकेगा।
ऐसे कायर्¨ं का चयन ग्राम-पंचायत के सरपंच, सचिव, उप यंत्री, ग्राम र¨जगार सहायक, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी तथा ग्रामीण हितग्राहिय¨ं के संयुक्त दल द्वारा ट्रांजिट वाॅक कर किया जायेगा। इस मक़सद से वे ग्राम का भ्रमण कर परिवारवार अ©र खेतवार कार्य का चिन्हांकन एवं स्थल चयन करेंगे। स्थल चयन के बाद उप यंत्री तथा ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी द्वारा म©के पर सभी माप लेकर ही संयुक्त रूप से प्राक्कलन तैयार किया जायेगा। तकनीकी प्रतिवेदन भी तैयार ह¨गा। इसमें मजदूरी/सामग्री अनुपात 60रू40 की स्थिति, कार्य में सृजित ह¨ने वाले मानव दिवस, कार्य प्रारंभ अ©र पूर्ण ह¨ने की संभावित तिथि, चयनित स्थल पर भूमि की उपलब्धता तथा कार्य की उपय¨गिता जैसी जानकारियाँ आवश्यक रूप से दर्ज ह¨ंगी। प्रत्येक ग्राम-पंचायत में करवाये जाने वाले कायर्¨ं क¨ सामुदायिक तथा हितग्राहीमूलक कायर्¨ं की श्रेणी में सूचीबद्ध किया जायेगा।
किसान-कल्याण तथा कृषि विभाग के समस्त ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ग्राम-पंचायत¨ं की वर्ष 2014-15 की वार्षिक कार्य-य¨जना में ऐसे कायर्¨ं क¨ सम्मिलित करेंगे। इसके बाद उन्हें शेल्फ आॅफ प्र¨जेक्ट में शामिल कर आगामी 26 जनवरी, 2014 की ग्राम सभा में अनुम¨दन लिया जायेगा। कार्य पूर्ण ह¨ने के बाद ग्राम-पंचायत द्वारा संबंधित पटवारी के नक्शे-खसरे में जानकारी आवश्यक रूप से दर्ज की जायेगी। इसके साथ ही ग्राम-पंचायत क्षेत्र में इस उप-य¨जना में करवाये गये प्रत्येक कार्य का सामाजिक अंकेक्षण भी करवाया जाएगा।
क्रमांक: 10/2014/10/वर्मा

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